बचपन के वो सुहाने दिन, मोहल्ले में मस्तियाँ करना आते जाते लोगों को छेड़ना, पापा के स बचपन के वो सुहाने दिन, मोहल्ले में मस्तियाँ करना आते जाते लोगों को छेड़ना, ...
वो साईकिल की रेस, वो मुसीबतों के केस, याद आता है मुझे, वो दोस्तों के लिऐ झगड़ना, वो ख़ुशियों को पकड़न... वो साईकिल की रेस, वो मुसीबतों के केस, याद आता है मुझे, वो दोस्तों के लिऐ झगड़ना,...
हम छोटे हैं तो क्या हुआ , अक्ल के कच्चे हैं तो क्या हुआ। हम छोटे हैं तो क्या हुआ , अक्ल के कच्चे हैं तो क्या हुआ।
सच कहूँ तो वो दिन ही हसीन थे, ना कुछ छिपाना और दिल मे जो आए बताना था। सच कहूँ तो वो दिन ही हसीन थे, ना कुछ छिपाना और दिल मे जो आए बताना था।
वो बचपन भी कितना सुहाना था, जिसका रोज एक नया फ़साना था । वो बचपन भी कितना सुहाना था, जिसका रोज एक नया फ़साना था ।
वह बचपन के दिन, जिंदगी के सबसे हसीन दिन। वह बचपन के दिन, जिंदगी के सबसे हसीन दिन।